पिछले कुछ महीनों से मनोहर लाल सरकार ने गरीबों, किसानों और णध्यम आयवर्ग वाले लोगों के कल्याण के लिए फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। कुछ लोग इन फैसलों को आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं। विपक्षी दलों का तो आरोप है कि मनोहर लाल मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं। कल ही प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पिछले दिनों आई बाढ़ के बाद जिन किसानों ने अपने खेत में दोबारा बीज बोए हैं, उन्हें प्रति एकड़ प्रदेश सरकार सात हजार रुपये देगी।
वैसे प्रति एकड़ फसल बोने, मजदूरी, खाद-पानी के आधार पर देखें तो यह रकम कम ही लगेगी, लेकिन यह क्या कम है कि मनोहर सरकार ने कम से क्षतिपूर्ति का कुछ हिस्सा प्रदान करने की बात सोची तो। अगर सौ रुपये का नुकसान हुआ हो और कोई नुकसान की साठ प्रतिशत भरपाई करने को तैयार हो जाए, तो इससे अच्छा क्या होगा? कम से कम कुछ बोझ तो हलका हुआ। बस, इसके लिए लोगों को आॅन लाइन आवेदन करना होगा। इसके प्रदेश के काफी किसानों को लाभ होगा। वे दोबारा फसल बोने पर आई लागत हासिल कर सकेंगे। इतना ही नहीं फसल तैयार होने पर हुई आय भी उनकी ही होगी। यही नहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कल एक और बड़ी घोषणा की है।
वे उन गरीबों को मकान देंगे, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख या इससे कम होगी। सरकार ने पूरे प्रदेश में एक लाख मकान मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत गरीबों को देने का फैसला किया है। अगर मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप आय की सीमा पर ध्यान दें, तो 1.80 लाख रुपये वार्षिक आय वाला गरीब अपना और अपने परिवार को पेट बहुत मुश्किल से पाल पाता होगा। इतनी कम आय में अगर कोई अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने की बात सोचे, तो शायद यह संभव नहीं है। महंगाई के इस दौर में पंद्रह हजार रुपये मासिक आय वाला व्यक्ति मकान का किराया, राशन पानी, दवाओं और शिक्षा पर खर्च करके बहुत मुश्किल से गुजारा कर पाएगा। ऐसी स्थिति में यदि किसी को मकान का किराया न देना पड़े, तो उसके लिए बहुत बड़ी राहत मिल जाएगी।
वह अपने भोजन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है, चार पैसे मासिक रूप से बचा सकता है। हां, इतनी कम आय वर्ग वाले व्यक्ति कम ही होंगे। सरकार के नियम और शर्तों को पूरा करने वाले लोगों को मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आनलाइन आवेदन करना होगा। इस योजना के तहत फ्लैट और आवास इतने कम दामों पर मिलेंगे जिसको वे आसानी से अदा कर सकें। हां, दिल्ली और चंडीगढ़ के आसपास बसे जिलों के गरीबों को यह सुविधा नहीं मिल पाएगी क्यों कि इन इलाकों में जमीन की कीमतें बहुत ज्यादा हैं। सरकार इतनी महंगी जमीनें खरीदने के पक्ष में नहीं है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में कुछ आवासहीन लोगों की संख्या कम हो जाएगी। प्रदेश सरकार का यह फैसला सचमुच सराहनीय है।
संजय मग्गू