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हरियाणा मांगे हिसाब की चार्जशीट के 15 सवालों से तिलमिलाई भाजपा सरकार – दीपेंद्र हुड्डा

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जींद, 18 जुलाई- सांसद दीपेन्द्र हुड्डा आज ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान के तहत जुलाना विधान सभा क्षेत्र में पदयात्रा करते हुए पुरानी अनाज मंडी से चल कर बाजार से होते हुए पुराने बस स्टैंड तक पहुंचे। उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि जब से हरियाणा मांगे हिसाब की चार्जशीट जारी हुई है, पूरी भाजपा सरकार तिलमिलाई हुई है। उनको जनता के सवालों का जवाब नहीं मिल रहा है। प्रदेश में केंद्रीय नेताओं को बुलाया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी सरकार के 11 काम गिनाने की बजाय कांग्रेस और हुड्डा जी से 11 सवाल पूछ रहे हैं। इससे स्पष्ट है कि उनके पास भी बताने को कुछ नहीं है।

हरियाणा में बीजेपी सरकार घोषणावीर सरकार बन चुकी है। भाजपा कोरी बयानबाजी करने की बजाय अपने 10 साल के काम बताए और किये गए काम के आधार पर लोगों से वोट मांगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि इनके काम चवन्नी के और घोषणाएं 10 रुपये की करते हैं। भाजपा सरकार ने जब 10 साल में काम नहीं किया तो बचे हुए 2 महीने में क्या काम करेगी। लोग इस बात को समझ चुके हैं और बेसब्री से कांग्रेस सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि हरियाणा मांगे हिसाब अभियान के तहत डोर-टू-डोर जाकर लोगों से सुझाव ले रहे हैं और 15 अगस्त तक सारे सुझाव एकत्र करके इन्हें पार्टी में पहुंचाया जायेगा। इसके आधार पर हरियाणा में जनता का घोषणा पत्र तैयार होगा हरियाणा के लोग जानते हैं कि हरियाणा को विकास, प्रगति और खुशहाली की पटरी पर सिर्फ कांग्रेस पार्टी लेकर जा सकती है।

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार का आखिरी 2 महीना सामने है। भाजपा ने 2014, 2019 के अपने घोषणा पत्र में किये कोई वायदे पूरे नहीं किये। 9000 रुपया बेरोजगारी भत्ता, 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन, कर्मचारियों को पंजाब स्केल आदि कोई घोषणा पूरी नहीं की। यही कारण है कि लोग भाजपा से जवाब मांग रहे हैं। लोग इस बात का हिसाब मांग रहे हैं कि 750 किसानों की जान क्यों गयी? बाबा साहब का संविधान तोड़कर गरीबों और पिछड़ों का हक़ क्यों छीना? देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी और नशा हरियाणा के युवाओं को क्यों दिया? देश में सबसे ज्यादा अपराध हरियाणा में क्यों हैं?

देश में सबसे ज्यादा महंगाई हरियाणा में क्यों है? हरियाणा विकास की पटरी से क्यों उतरा? जुलाना में लोग इस बात का हिसाब मांग रहे हैं कि यहाँ पानी की सप्लाई क्यों नहीं आ रही है। जुलाना में बिजली सप्लाई खराब क्यों है। नहर में पानी क्यों नहीं आ रहा है। गरीब, एससी समाज के लिये 100 गज के मुफ्त प्लाट की स्कीम क्यों बंद की गयी। जुलाना के अस्पतालों में डॉक्टर क्यों नहीं हैं। जुलाना में सड़कें क्यों टूटी पड़ी हैं। जुलाना में महिलाओं के लिये कॉलेज क्यों नहीं बनवाया। बीजेपी सरकार ने प्रदेश में गरीब आदमी को मिलने वाली सुविधाएं बंद कर दी। आम लोगों को पोर्टलों के जंजाल में उलझा दिया। लोग अपने कागज ठीक कराने के लिये सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार की कार्यशैली आम लोगों को सहूलियत से वंचित करने वाली रही है।

उन्होंने कहा कि ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान आंदोलन से जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। पदयात्रा में आम लोग भारी संख्या में अपने घरों से निकलकर सरकार के खिलाफ रोष प्रकट कर रहे हैं। जनता के सवालों से घबराई भाजपा सरकार की तिलमिलाहट किसी से छुपी नहीं है। इस अभियान के पहले दिन भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के बयान आये, दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री हरियाणा आकर कांग्रेस से हिसाब मांगने की बात कहने लगे।

उन्होंने तो अपने मुख्यमंत्री का नाम ही नहीं लिया और पूरे भाषण में केवल हुड्डा साहब का नाम लेते रहे। बीजेपी ने 10 साल में हरियाणा का भट्ठा बिठा दिया, जो सवाल पूछे उनका कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार से हर वर्ग दुखी है। बीजेपी सरकार ने हरियाणा में 5000 स्कूल बंद कर दिये जिसके खिलाफ 500 स्कूलों के छोटे बच्चों को धरने देने पड़े। किसान-मजदूर, खिलाड़ी, व्यापारी, आंगनवाड़ी, आशा वर्कर, खिलाड़ी समेत हर वर्ग को सड़कों पर आना पड़ा है। जुलाना हलके में पदयात्रा के दौरान सांसद पं. सतपाल ब्रह्मचारी, कांग्रेस विधायक पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, पार्टी के वरिष्ठ नेता व बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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