वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल(Piyush Goyal: ) देश के औद्योगिक विकास को गति देने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए पांच सितंबर को राज्यों के उद्योग मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में विनिर्माण को बढ़ावा देने, उद्योगों को प्रोत्साहन देने और राज्य से जुड़े मुद्दों पर विचार-विमर्श होने की संभावना है। चूंकि उद्योग राज्य का विषय है, इसलिए इस क्षेत्र को बढ़ावा देने में राज्यों की प्रमुख भूमिका होती है।
Piyush Goyal: किन राज्यों में होंगे नए औद्योगिक शहर
केंद्र सरकार पहले से ही उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय कर रही है, जिसमें अनुपालन बोझ को कम करना, कारोबार सुगमता को बढ़ावा देना और औद्योगिक टाउनशिप स्थापित करना शामिल है। हाल ही में, केंद्र ने 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहर बनाने को मंजूरी दी है। ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुर्पिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दीघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोप्पार्थी, राजस्थान के जोधपुर-पाली और हरियाणा में होंगे।
20 तक पहुंच जाएगी औद्योगिक शहरों की संख्या
पहले से ही आठ औद्योगिक शहर क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें धोलेरा (गुजरात), औरिक (महाराष्ट्र), विक्रम उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश) और कृष्णापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में बुनियादी ढांचे का निर्माण और उद्योग के लिए भूखंडों का आवंटन जारी है। इसके अलावा, सरकार की विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) अन्य चार शहरों – कर्नाटक में तुमकुरु, आंध्र प्रदेश में कृष्णापत्तनम, हरियाणा में नांगल चौधरी और उत्तर प्रदेश में दादरी, ग्रेटर नोएडा में सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है। इन आठ शहरों के विकास के चरण में होने के साथ और 12 नए औद्योगिक शहरों की घोषणा के बाद, देश में कुल औद्योगिक शहरों की संख्या 20 तक पहुंच जाएगी। इसके अतिरिक्त, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) विनिर्माण क्षेत्र के स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन यानी पालना केंद्र स्थापित करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस बैठक में, सरकार और राज्य मिलकर औद्योगिक विकास को तेज करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिससे देश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके और रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें।