राजस्थान(Rajasthan Bird Flu:) के जैसलमेर में मृत पाए गए कुरजां (डेमोइसेल सारस) पक्षियों की मौत का कारण बर्ड फ्लू पाया गया है। बुधवार को अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह जानकारी दी। मृत पक्षियों के विसरा को जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान (निषाद) भेजा गया था, जहां बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
इस रिपोर्ट (Rajasthan Bird Flu:)के बाद जैसलमेर जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और देगराय ओरण इलाके के लुणेरी तालाब क्षेत्र को ‘हॉटस्पॉट एरिया’ घोषित कर दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए पशुपालन विभाग, वन विभाग और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई गई है। इस टीम ने एक त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया है, जो हॉटस्पॉट एरिया में गश्त और निगरानी का काम कर रही है। साथ ही, प्रवासी पक्षियों के झुंड पर विशेष नजर रखी जा रही है।
संक्रमण फैलने से रोकने के लिए क्षेत्र में रसायनों का छिड़काव किया जाएगा। पशुपालन विभाग जैसलमेर के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश वरंगतिवार ने बताया कि 11 जनवरी को देगराय ओरण इलाके के तालाब क्षेत्र में छह कुरजां पक्षी मृत पाए गए थे। इसके बाद 12 जनवरी को भी दो कुरजां पक्षी मृत मिले। सभी पक्षियों के विसरा की जांच के बाद बुधवार को आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू का पता चला।
जैसलमेर के जिलाधिकारी प्रताप सिंह ने इस मामले को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया कि प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू का संक्रमण बढ़ने की आशंका है, जो इंसानों में भी फैल सकता है। इस खतरे को देखते हुए प्रशासन ने आम जनता को सतर्क रहने और निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रशासन हर संभव कदम उठा रहा है। प्रभावित क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जा रही है और लोगों को बर्ड फ्लू से बचाव के उपायों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।