संजय मग्गू
माना जाता है कि भारतीय राजनीति में कुछ भी मुफ्त देने की शुरुआत आम आदमी पार्टी के उदयकाल के बाद हुई है। वैसे दक्षिण भारत में सस्ते दर पर खाना या राशन देने की परंपरा रही है। भोजन या अनाज वहां भी बिल्कुल मुफ्त नहीं दिया जा रहा था। गरीब तबके के लोगों को अम्मा रसोई में समय, काल और परिस्थितियों के हिसाब से सस्ते दर पर उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन जब आम आदमी पार्टी चुनाव मैदान में उतरी तो उसने बिजली, पानी और चिकित्सा मुफ्त दिलाने का आश्वासन दिया। नतीजा यह हुआ कि पहले दिल्ली और उसके बाद पंजाब में अपनी सरकार बना ली। अब उसकी नजर हरियाणा पर है। यह आप का ही प्रभाव है कि भाजपा और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाताओं को लुभाने के लिए मुफ्त की रेवड़ियां बांटनी पड़ रही हैं। उन्हें भी न केवल बिजली, पानी, चिकित्सा मुफ्त देने का वायदा करना पड़ रहा है, बल्कि महिलाओं, बेरोजगारों और युवाओं के खाते में कुछ न कुछ डालने का आश्वासन देना पड़ रहा है। वैसे अगर एक नागरिक की दृष्टि से देखा जाए, तो मतदाताओं को तात्कालिक लाभ देकर लुभाना है। यह एक तरह की मतदाताओं को दी गई रिश्वत है। राजनीति की भाषा में यह सियासी दल की लोककल्याण की योजनाएं हैं। आम आदमी पार्टी ने इस बार हरियाणा विधानसभा चुनावों में 90 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। पिछली बार कुल 46 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली आप प्रदेश के मतदाताओं पर अपना प्रभाव छोड़ पाने में विफल रही थी। सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी और उसे कुल 0.48 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। इस बार भी जब तक आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत नहीं मिली थी, तब पंजाब के सीएम भगवंत मान, सुनीता केजरीवाल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील गुप्ता ही जैसे-तैसे प्रचार को गति प्रदान कर रहे थे। लेकिन जब से 177 दिन की जेल काटने के बाद अरविंद केजरीवाल जमानत पर बाहर आए हैं, तब से आप के चुनाव प्रचार में गति आई है। ऐसे में यह संभावना व्यक्त की जाने लगी है कि आम आदमी पार्टी प्रदेश के कुछ सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच के मुकाबले को त्रिकोणीय बना दे, तो यह उसकी उपलब्धि होगी। अब राजनीतिक हलके में यह भी कहा जाने लगा है कि आप का प्रदेश की राजनीति में दखल बढ़ने का मतलब है कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगना। आप की लोकप्रियता बढ़ने का मतलब है कि कांग्रेस को दो मोर्चों पर लड़ने के लिए बाध्य होना। हालांकि यह भी सही है कि कांग्रेस और आप दोनों के निशाने पर भाजपा ही है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। प्रदेश में भले ही वे चुनाव अलग-अलग लड़ रहे हों, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर वे इंडिया ब्लाक का हिस्सा हैं।
संजय मग्गू