भारत के चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरते ही पूरे देश में उत्साह का माहौल हो गया। इसके बाद लगभग हर किसी की जुबान पर दो नाम थे, एक इसरो और दूसरा इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ। प्रधानमंत्री मोदी ने भी इसरो प्रमुख को बधाई दी और कहा, “आपका नाम सोमनाथ चंद्रमा पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण और उतरना भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह इसरो की प्रतिभा और समर्पण को दर्शाता है। यह भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।
चंद्रयान-3 का मिशन चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव का अध्ययन करना है। इस क्षेत्र में पानी की संभावनाओं का पता लगाने के लिए मिशन को डिजाइन किया गया है। चंद्रयान-3 में एक लैंडर और एक रोवर है। लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और रोवर सतह पर घूमेगा और अध्ययन करेगा। चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण और उतरना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह इसरो की प्रतिभा और समर्पण को दर्शाता है। यह भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।
सोमनाथ ने चंद्रयान-3 मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन के बाद भारत के पास अंतरिक्ष क्षेत्र में और अधिक महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। सोमनाथ ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष में नई खोज करने और मानव जाति के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए काम कर रहा है। चंद्रयान-3 मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई गति मिली है। यह भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। भारत भविष्य में भी अंतरिक्ष क्षेत्र में और अधिक महत्वाकांक्षी योजनाओं को लागू करेगा।
मोदी ने इसरो प्रमुख को कहा, आपका नाम सोमनाथ चंद्रमा पर स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा
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