हिन्दू कैलंडर के 12वे महीने यानि कि फाल्गुन मास की शुरुआत कल यानि 25 फरवरी से हो चुकी है। बता दें कि इस बार फाल्गुन मास 25 फरवरी से 25 मार्च तक रहेगा। फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्यौहार आते हैं। जिसकी वजह से इस महीने की शोभा और अधिक बढ़ जाती है। आज हम आपको बताएंगे फाल्गुन मास के महत्व और इस महीने में आने वाले व्रत और त्यौहारों के बारे में..
फाल्गुन मास का महत्व
फाल्गुन मास हिन्दू कैलंडर का आखिरी महिना है। इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होता है इसलिए इस महीने को फाल्गुन मास के नाम से जाना जाता है। फाल्गुन मास को हर्षोल्लास का महिना भी कहा जाता है क्योंकि इस महीने में कई बड़े त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं। वर्ष के दो बड़े त्यौहार महाशिवरात्रि और होली भी इसी महीने में मनाए जाते हैं। इस महीने की शुरुआत से धीरे-धीरे गर्मी का मौसम आना शुरू हो जाता है और सर्दी कम होनी लगती है।
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माना जाता है कि इस महीने में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान श्रीकृष्ण, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा आराधना करने से मनचाही मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस महीने में चंद्रदेव का जन्म हुआ था। जिसके कारण फाल्गुन मास में उनकी पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और साथ ही कई लाभ भी होते हैं।
व्रत और त्यौहार
28 फरवरी (बुधवार) – द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
1 मार्च (शुक्रवार) – यशोदा जयंती
3 मार्च (रविवार)- शबरी जयंती, भानु सप्तमी
4 मार्च (सोमवार) – जानकी जयंती (सीता अष्टमी)
7 मार्च (बुधवार) – विजया एकादशी
8 मार्च (शुक्रवार) – महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत
10 मार्च (रविवार) – फाल्गुन अमावस्या
12 मार्च (मंगलवार) – फुलैरा दूज
24 मार्च (रविवार) – होलिका दहन
25 मार्च (सोमवार) – रंगों की होली
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