ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस का एक संयुक्त उपक्रम है। इसे भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के NPO Mashinostroyenia द्वारा मिलकर बनाया गया है।
ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे दुश्मनों के जहाजों और लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत में दो जगहों पर किया जाता है। एक हैदराबाद में और दूसरा तिरुवनंतपुरम में। वर्तमान में ब्रह्मोस मिसाइल का 65% हिस्सा भारत में निर्मित होता है। DRDO की योजना है कि इसे 85% तक बढ़ाया जाए। इसके लिए भारतीय निर्मित साधकों और बूस्टरों का उपयोग किया जाएगा।
ब्रह्मोस मिसाइल का उपयोग भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना द्वारा किया जाता है। इसे अन्य देशों को भी निर्यात किया जा रहा है, जैसे फिलीपींस और इंडोनेशिया।
DRDO द्वारा भर्ती
डीआरडीओ भारत का सबसे बड़ा रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन है। यह भारत के लिए अत्याधुनिक हथियार और प्रणालियां विकसित करता है।
डीआरडीओ में विभिन्न प्रकार के पदों पर भारतीयों की भर्ती की जाती है। इन पदों में वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन और प्रशासनिक पद शामिल हैं।
डीआरडीओ में भर्ती होने के लिए योग्यता और अनुभव के मानक अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग होते हैं। डीआरडीओ में भर्ती के लिए आवेदन ऑनलाइन किए जा सकते हैं।
डीआरडीओ की वेबसाइट पर भर्ती से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध है।
ब्रह्मोस मिसाइल का भारत के लिए महत्व
ब्रह्मोस मिसाइल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह मिसाइल भारत को अपने दुश्मनों से बचाने में मदद करती है। इसके अलावा, ब्रह्मोस मिसाइल का निर्माण भारत में रोजगार और आर्थिक विकास में भी योगदान देता है।
यदि आप DRDO में भर्ती होना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- DRDO की वेबसाइट पर नियमित रूप से विजिट करें और भर्ती से संबंधित सभी जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
- अपनी योग्यता और अनुभव के अनुसार उपयुक्त पदों के लिए आवेदन करें।
- DRDO द्वारा आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों की अच्छी तैयारी करें।
यदि आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको डीआरडीओ में भर्ती होने में सफलता मिलेगी।