Sunday, September 8, 2024
26.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiबदलती जीवन शैली और तनाव हरियाणवियों को बना रहा रोगी

बदलती जीवन शैली और तनाव हरियाणवियों को बना रहा रोगी

Google News
Google News

- Advertisement -

सेहत को हमारे देश में बहुत महत्व दिया गया है। हमारे पुरखों ने हमेशा मेहनत करने और शरीर को निरोग रखने की बात कही है। उन्होंने मोटे अनाज को अपने भोजन का मुख्य आधार बनाए रखा, भरपूर मेहनत की और चैन की नींद सोए। नतीजा यह हुआ कि वे जीवन के आखिरी पड़ाव पर भी निरोगी रहे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। हरियाणा जैसे प्रदेश में भी अब वह बात नहीं रही। पीजीआई के स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट बहुत ज्यादा चिंतित करने वाली है। रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश का हर चौथा व्यक्ति हाइपरटेंशन और सातवां व्यक्ति डायबिटीज का रोगी है। हरियाणा सदियों से अपने खानपान और मजबूत कदकाठी के लिए जाना जाता था।

मजबूत कदकाठी का कारण यह था कि यहां के लोग खेत, खलिहान और अन्य उत्पादन के क्षेत्रों में भरपूर मेहनत करते थे। खानपान भी संयमित और पौष्टिक होता था। दूध-दही, छाछ और मक्खन की कोई कमी नहीं रही हरियाणा में। उनकी जीवन शैली ने उन्हें न केवल मजबूत बनाया, बल्कि खेलकूद आदि में भी अव्वल बनाया। प्रदेश के लोगों ने अपनी दिनचर्या, पौष्टिक आहार और दृढ़ संकल्प के बल पर खेलों में भी अपना नाम रोशन किया। लेकिन खेलों में भले ही आज प्रदेश अव्वल हो, लेकिन सामान्य नागरिकों की बदलती दिनचर्या ने उन्हें कहीं न कहीं रोगी बना दिया है।

यह भी पढ़ें : मुख्य अतिथि को अंदर नहीं जाने दिया

पीजीआई ने अपनी स्टडी रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने 18 से 69 वर्ष की आयु के पचास हजार लोगों को अपने अध्ययन के केंद्र बनाया। जो नतीजे आए , वह काफी चौंकाने वाले थे। इन पांच हजार लोगों से 26 प्रतिशत लोग हाइपर टेंशन के मरीज पाए गए। वहीं करीब 15.1 प्रतिशत लोग शूगर रोग से पीड़ित थे। इस विषय में विशेषज्ञों का कहना है कि यदि प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर अध्ययन करवाए, तो यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है।

अनुमान से कहीं ज्यादा लोग विभिन्न रोगों से पीड़ित मिल सकते हैं। स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ के प्रो.जेएस ठाकुर तो यह भी कहते हैं कि प्रदेश में भारी संख्या में विभिन्न रोगों के मरीजों के मिलने का कारण पिछले कई सालों में रहन-सहन में आया बदलाव है। भारी संख्या में लोगों ने गांवों से शहरों में पलायन किया। शहरों में आने वालों की जीवनशैली में बदलाव आया। नौकरी से लेकर खाने-पीने की दिक्कतों और तमाम तरह की परेशानियों ने जैसे-जैसे घेरना शुरू किया, उनकी शारीरिक गतिविधियां कम होती चली गईं। उनके पास समय का अभाव हुआ, तो पैदल चलने, व्यायाम करने, सुबह-शाम की सैर पर मानो प्रतिबंध लग गया। इन बीमारियों के प्रति लापरवाही बरतने का नतीजा काफी दुखदायी निकलता है। लोगों को अभी से सचेत हो जाना चाहिए ताकि प्रदेश में रोगियों की संख्या को कम किया जा सके।

Sanjay Maggu

-संजय मग्गू

लेटेस्ट खबरों के लिए क्लिक करें : https://deshrojana.com/

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

Jammu-Shah: शाह ने कहा, जम्मू ही तय करेगा जम्मू-कश्मीर में सरकार की दिशा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Jammu-Shah: ) ने शनिवार को भाजपा के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की अपील की और कहा कि जम्मू क्षेत्र...

Chautala Haryana : विनेश फोगाट के राजनीति में प्रवेश पर दिग्विजय चौटाला की बधाई

जजपा उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला(Chautala Haryana : ) ने दंगल की दुनिया से राजनीति में कदम रखने वाली विनेश फोगाट को बधाई दी है। उन्होंने...

Brij Bhushan: बृजभूषण ने विनेश और बजरंग को ‘खलनायक’ बताया

भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता बृजभूषण शरण सिंह(Brij Bhushan: ) ने शनिवार को कांग्रेस नेताओं और पहलवान...

Recent Comments