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बदरपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन करने पहुंचे संगठन, पुलिस ने संभाली स्थिति

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कविता

पिछले दिनों नूंह में निकाली जा रही बृज परिक्रमा शोभायात्रा पर जिस तरहसे विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव करते हुए गोलियां चलाई, उसे लेकर शहर में भी काफी रोष पनप रहा है। इस निंदनीय घटना में कुछ लोगों की मृत्यु भी हो गई और बहुत से लोग घायल हुए हैं। वहीं कई गाडियां जला दी गई और कई दुकानों में भी आग लगा दी। इस घटना का असर पलवल और गुरूग्राम के कुछ हिस्सों में होते ही इस की चिंगारी फरीदाबाद में भी पड़ने लगी। लेकिन यहां कोई अप्रिय घटना हो, इससे पहले ही फरीदाबाद पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो चुकी थी। मंगलवार को जहां चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात थी, वहीं पुलिस द्वारा शहर के विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च भी निकाला गया। लेकिन बुधवार को नूंह में घटना पर रोष जताने के लिए गौरक्षक की टीम ने प्रदर्शन करने का दावा किया। इस दौरान उन्होंने प्रदर्शन करना शुरू कर भी दिया। लेकिन सूचना मिलते ही मौके पर भारी पुलिस बल पहुंच गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझा बुझा कर मौके से भेज दिया और स्थिति पर काबू पा लिया। अन्यथा मामला बिगड़ भी सकता था।

पुलिस ने रोका प्रदर्शन:

भड़काने वाली सूचनाओं और अफवाहों पर रोक लगाने के लिए सोमवार की रात से शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया हुआ। ताकि इन सूचनाओं को देखकर लोग तैश में आकर कोई गलत कदम न उठा बैठें। लेकिन इसके बावजूद भी लगातार सामाजिक संगठन प्रदर्शन करने का प्रयास कर रहे हैं। जहां बल्लभगढ़ में पुलिस ने मंगलवार को कई जगह प्रदर्शन रूकवाये थे। जिसमें दुकानों को बंद करवाने का प्रयास किया था। इस दौरान शहर में कई जगह अप्रिय घटनाओं को अंजाम देने का भी प्रयास किया गया। लेकिन पुलिस ने समय रहते स्थिति पर काबू पा लिया। लेकिन मंगलवार की रात सामाजिक संगठनों द्वारा भेजे गए संदेश के कारण बदरपुर बार्डर पर काफी संख्या में प्रदर्शनकारी पहुंच गए। उनका कहना था कि वह नूंह में हुई घटनाओं को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे है। लेकिन प्रदर्शन करने पहुंचे लोगों को मौके पर भारी पुलिस बल के जरिये शांत करवा दिया गया। ताकि शहर में कोई भी अप्रिय घटना न हो पाए।

इंटरनेट बंद, खुले स्कूल:

जहां एक तरफ मंगलवार की तरह ही बुधवार को भी इंटरनेट की सुविधाएं प्रशासन की तरफ से बंद रखी गई। वहीं दूसरी तरफ स्कूल और कॉलेजों के खुलते ही बदरपुर बॉर्डर पर समाजिक संगठनों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। ऐसे में अभी भी खतरा बना हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि शायद प्रशासन के द्वारा शुक्रवार तक इंटरनेट की सुविधाएं बंद रखी जा सकती है।

हो रही है परेशानी:

इंटरनेट की सुविधाएं पूरी तरह से बंद होने के कारण लोग परेशान हो गए हैं। डिजीटल इंडिया पूरी तरह से ठप हो  गया है। ऐसे में लोग बैंकों के एटीएम पर पैसे निकलाते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों का व्यवसाय पूरी तरह से ठप होने के कगार पर पहुंच गया है। लोगों का कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा, तो आने वाले समय में वह वर्करों को पैसे कहा से देंगे। इसी तरह से गाड़ियों में पेट्रोल भरवा रहे लोग भी परेशान हो रहे हैं।

नहीं मिल रही सवारी:

भड़काऊ और भावनाओं को भड़काने वाली सूचनाओं का अदान प्रदान रोकने के लिए ही प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि नूंह में हुई हिंसा के बादशहर में अभी तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लेकिन इसके बावजूद लोग जरूरी काम पर पड़ने पर ही घरों से निकल रहे हैं। वहीं लोग अपने बच्चों को भी बाहर आने जाने से रोक रहे है। जिसका सीधा असर शहर के ऑटो चालकों पर पड़ रहा है। ऑटो चालकों का कहना है किदो दिनों से उन्हें सवारियां कम मिल रही हैं।

हाइवे पर लगा रहा जाम :

बदरपुर बॉर्डर पर सामाजिक संगठनों द्वारा प्रदर्शन करने की सूचना आते ही पुलिस बलस्थिति पर पूरी तरह काबू पा लिया था। प्रदर्शन स्थल पर लोगों की भीड़ न पहुंच पाए। जिसे देखते हुए पुलिस ने रास्ते को बंद कर दिया था। ऐसे में अपने काम पर जाने वाले लोगों ने रॉग साइड चलना शुरू कर दिया। जिसके कारण थोड़ी ही देर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बुरी तरह जाम लग गया। यातायात सुचारू करने के लिए यातायात पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

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