नंगला इंक्लेव भाग एक निवासी राजू उस वक्त हंसी का पात्र बन गया, जब एक निजी अस्पताल में उसकी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में बच्चे दानी बता दी। वहीं एक अन्य निजी प्रयोगशाला ने उसे हैपेटाइटिस घोषित कर दिया। लेकिन बीके सिविल अस्पताल में लिखी जांच में ऐसा नहीं मिला। इसकी शिकायत की तो नैग्लेंजेंसी बोर्ड ने व्यक्ति को शुक्रवार को बुलवा लिया। लेकिन पीड़ित की सुनवाई नहीं की। राजू का आरोप है कि चिकित्सक आरोपी लैब वाले को अंदर बुलाकर बाहर निकल गए। उनके जाने पर जब वह अंदर पहुंचा तो पता चलाकि वे जा चुके है। सीएमओ से दोबारा गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई
राज मिस्त्री राजू ने बताया कि शरीर में दर्द से परेशान होकर निजी लैब में जांच कराई। लैब ने हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव दिखा दिया और परिवार से दूर रहने की सलाह दी। पीड़ित बीके अस्पताल पहुंचा। अस्पताल ने अल्ट्रासाउंड और हेपेटाइटिस का टेस्ट किसी भी निजी लैब से कराने के लिए कहा गया। राजू ने निजी अस्पताल में टेस्ट कराया। लैब ने उसे महिला बताते हुए बच्चे दानी में दिक्कत दिखाई दी।
परेशान राजू ने इसकी शिकायत करीब एक महीने पहले जिला स्वास्थ्य विभाग को दी। विभाग की नेगलिजेंस टीम ने शुक्रवार को पीएमओ Office में बुलाया था। पीड़ित अपनी पत्नी से साथ पहुंचा था। आरोप है कि उसे बाहर बिठा कर रखा और शाम चार बजे सुरक्षाकर्मी ने एक खाली कागज पर हस्ताक्षर लेकर घर भेज दिया। पीड़ित ने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।