पीजीआई चंडीगढ़ में एक गंभीर घटना के बाद डॉक्टरों ने काम ठप कर दिया है, जिससे मरीजों की स्थिति चिंता का विषय बन गई है। घटना तब हुई जब एक मरीज के साथ आई एक महिला ने रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी। यह मारपीट पीजीआई की इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान हुई, जिसके बाद मामला तेजी से तूल पकड़ गया।
घटना के बाद, इमरजेंसी के डॉक्टरों ने रात आठ बजे के बाद से सभी मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया। इससे इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि इमरजेंसी के मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी किसी भी नए मरीज को अंदर आने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। मरीजों की लंबी कतारें बाहर लग रही हैं, और कई मरीज स्ट्रेचर पर पड़े हुए मदद की गुहार लगा रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटनाक्रम में एक मरीज की मौत होने की भी सूचना है, जो इलाज न मिल पाने के कारण हुआ। डॉक्टरों का आरोप है कि उनकी सुरक्षा को खतरा पहुंचा है, और वे सभी एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक पुलिस के द्वारा मारपीट करने वाली महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, वे अपने काम पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।
इस घटना ने अस्पताल के अंदर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति में काम करना संभव नहीं है, और प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से ले। मरीजों की सुरक्षा और इलाज की प्राथमिकता को देखते हुए, प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाएँ भविष्य में न हो सकें।
डॉक्टरों की इस हड़ताल से प्रभावित मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, अस्पताल प्रशासन को जल्द से जल्द समाधान निकालने की जरूरत है, ताकि चिकित्सा सेवाएँ सुचारु रूप से चल सकें।