Chip In Cricket Ball : तकनीक खेलों को आसान और परिणाम को पारदर्शी बनाने में मददगार रही है। क्रिकेट और फुटबॉल को नई तकनीक के प्रयोग के लिए जाना जाता है। हर साल किसी न किसी लीग के सहारे एक नई तकनीक को मैदान पर उतारा जाता है। क्रिकेट में लाल गेंद, सफेद गेंद, गुलाबी गेंद के बाद अब चिप वाली गेंद आने वाली है। इंटरनेशनल मैचों के लिए गेंद बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी कूकाबुरा ने गेंद के अंदर चिप फिट करने की टेक्नोलॉजी ईजाद की है। एक बार ये चिप लगाकर गेंद की सिलाई कर दी गई, तो गेंद पूरी तरह फटने तक चिप ना तो बाहर निकलेगी, ना ही डैमेज होगी। इसका फायदा ये होगा कि चिप वाली गेंद से गेंदबाजी और बल्लेबाजी का रियल टाइम डेटा मिल सकेगा। जब गेंदबाज गेंद रिलीज करने की पोजीशन में आएगा, तब से ही चिप डेटा दिखाना शुरू कर देगी।
स्मार्ट गेंद दिया गया है नाम
इस चिप लगी गेंद के इस्तेमाल का जिम्मा कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) को मिला था। इंडियन प्रीमियर लीग की तरह वेस्ट इंडीज की इस क्रिकेट लीग में बड़े-बड़े नाम शामिल होते हैं। इस तकनीक से टीवी पर कई तरह के आंकड़े देखने को मिल सकते हैं। इसे ‘स्मार्ट गेंद’ नाम दिया गया है। इसमें चिप लगी होगी। यह सफेद, लाल और गुलाबी गेंद के बाद क्रिकेट की दुनिया में नई क्रांति लेकर आएगी।
मिल सकेगा रियल टाइम डाटा
इसे बनाने वालों का दावा है कि इससे गेंद की सटीक रफ्तार के अलावा उसके मूवमेंट को बेहतर तरीके से आंका जा सकेगा। ऑस्ट्रेलिया की गेंद बनाने वाली कंपनी कूकाबुरा ने टेक इनोवेटर्स स्पोर्ट्सस्कोर के साथ मिलकर इसे बनाया है। यह पहली ऐसी क्रिकेट गेंद है जिसमें माइक्रो चिप लगी है। इससे पहले फुटबॉल में ऐसा प्रयोग हो चुका है। सेंसर वाली यह खास चिप रियल टाइम में गेंद की गति, स्पिन और तेजी जैसी जानकारी जुटाती है।
यह जानकारी खासतौर पर डिजाइन ऐप के जरिए स्मार्टवॉच, मोबाइल, टेबलेट, कंप्यूटर और लैपटॉप पर देखी जा सकती है। कंपनी का दावा है कि रियल टाइम में मिलने वाले आंकड़े कोच, खेल और खिलाड़ियों के लिए काफी फायदेमंद होंगे। इससे किसी भी खिलाड़ी के फॉर्म, खेलने के तरीके, उसकी कमियां या उसके सबसे मजबूत पक्ष को करीब से परखा जा सकेगा।
गेंदबाज के हाथ से छूटते ही मिलेंग सभी आंकड़े
कंपनी की मानें तो गेंद जैसे ही गेंदबाज के हाथ से छूटेगी, उसके भीतर लगी चिप सक्रिय हो जाएगी। अभी के मुताबिक गेंद के पिच पर टप्पा खाने के बाद उसके रफ्तार और मूवमेंट का आकलन किया जाता है। चिप गेंद के हर चरण का आंकड़ा मौजूद होता है। गेंद छूटते ही, उसके टप्पा खाने और उसके बाद, गेंद बैट से लगने के बाद और उसके बाउंड्री तक पहुंचने या गोलकीपर के दस्ताने में पहुंचने तक का आंकड़ा इस चिप से पाया जा सकता है।
इसके साथ ही स्पिन गेंद के हाथ से निकलते ही उस पर गेंदबाज द्वारा कितनी ताकत लगाई जाए, गेंद की मूवमेंट क्या हो, यह सब बाउंस से पहले और उसके बाद के वक्त उपलब्ध होगा। कंपनी ने इन खूबियों से लैस इस गेंद के लिए एक टैग लाइन भी दी है ‘पहली बार गेंद आपसे बात करेगी।’
ऐप की मदद से मिलेगी जानकारी
इस गेंद को बनाने वाली कंपनी के चेयरमैन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज माइकल कास्प्रोविज हैं। वे स्मार्ट गेंद को क्रांति बताते हैं। यह केवल एक हाई-परफॉर्मेंस टूल नहीं है, बल्कि इस खेल के प्रेमी और दर्शक खुद को इस खेल के और करीब महसूस करेंगे। या यूं कहें कि वे अब गेंद के दिल को देख सकेंगे। कंपनी का कहना है कि स्मार्ट गेंद देखने में बिलकुल आम कूकाबुरा गेंद की तरह होती है। इसका वजन भी उसी गेंद के बराबर है। इसका व्यवहार भी उसी की तरह है। यानी की सरल भाषा में बाहर से देखने में इसमें कोई फर्क नजर नहीं आएगा।
इस गेंद के कोर में थोड़ा बदलाव किया गया है। इसी कोर में लगे चिप का चुड़ाव एक ऐप से होगा। इस ऐप पर बटन दबाते ही आंकड़े आने शुरू हो जाएंगे। आंकड़े गेंदबाज के हाथ से गेंद के निकलते ही ब्लूटूथ के माध्यम से जमीन पर रखे राउटर तक पहुंचेंगे। वहां से इसे क्लाउड पर भेजा जाता है। यहां से डेटा ऐप पर संख्याओं के रूप में दिखाई देता है। इस पूरे प्रोसेस में करीब पांच सेकंड का समय लगाता है।