भाजपा ने आखिरकार पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के सीमावर्ती इलाके संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस नेताओं के कथित यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के बहाने ममता बनर्जी को शिकस्त देने के लिए रेखा पात्रा को बशीरहाट संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार ही दिया। रेखा पात्रा वह महिला हैं जिन्होंने संदेशखाली यौन उत्पीड़न मामले में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता और मामले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख का दाहिना हाथ रहे शिव प्रसाद उर्फ शिबू हाजरा के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इन्हीं की शिकायत पर शिबू हाजरा को गिरफ्तार भी किया गया है। जिन दिनों संदेशखाली यौन उत्पीड़न मामला तूल पकड़ रहा था और कथित रूप से यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाएं अपने चेहरे को आंचल से ढककर पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रही थी।
स्थानीय भाजपा नेता और मीडिया जिस तरह से मामले को तूल दे रहे थे, उसी राजनीतिक हलकों में यह चर्चा होने लगी थी कि भाजपा इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल करेगी। संदेशखाली में जो कुछ भी हुआ, उसकी जांच निष्पक्ष रूप से अवश्य होनी चाहिए। किसी भी महिला की अस्मिता से खिलवाड़ करना, निसंदेह सबसे बड़ा अपराध है। ऐसे अपराधी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चार-पांच रैलियों में संदेशखाली मुद्दे को उठाया था और पीड़ित महिलाओं से मुलाकात भी की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को शक्ति स्वरूपा कहकर संबोधित भी कर चुके हैं।
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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से पिछले विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद भाजपा ऐसे किसी मुद्दे की तलाश में थी जिसके सहारे ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को घेरा जा सके। संयोग से टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और शिबू हाजरा जैसे लोगों ने भाजपा को बैठे बिठाये एक मुद्दा दे दिया। अब भाजपा इस मुद्दे को भूनाने के लिए पूरी तरह कमर कर चुकी है। रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने पूरे बंगाल की महिलाओं को एक संदेश देने की कोशिश की है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि रेखा के बशीरहाट संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी होने से आसपास के कुछ इलाकों में भाजपा के पक्ष में हवा बह सकती है, लेकिन प्रदेश स्तर पर इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी।
वैसे भी रेखा पात्रा के भाजपा उम्मीदवार घोषित होते ही उनके खिलाफ कुछ पोस्टर भी लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में लिखा है कि हम भाजपा की उम्मीदवार के तौर पर रेखा को नहीं चाहते। प्रदेश बीजेपी इन पोस्टरों के लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है। वही टीएमसी नेताओं का कहना है कि रेखा की उम्मीदवार बनाए जाने से भाजपा के पुराने नेता और कार्यकर्ता नाराज हैं। वह रेखा का विरोध कर रहे हैं। इस मामले में सच्चाई क्या है?
यह तो नहीं बताया जा सकता, लेकिन भाजपा का यह दांव कितना कारगर होगा? यह भविष्य तय करेगा। रेखा को लेकर फिलहाल भाजपा नेता काफी उत्साहित हैं और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को बशीरहाट की सांसद अभिनेत्री नुसरत जहां की जगह जरी के कारोबारी हाजी नुरुल इस्लाम को मैदान में उतरना पड़ा है। वैसे एक बात तो भाजपा नेता भी स्वीकार करते हैं की 24 परगना जिले का संगठन काफी कमजोर है। ऐसी स्थिति में संदेशखाली मुद्दे की नैया पर सवार होकर ही बेड़ा पार लगाया जा सकता है।
-संजय मग्गू
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