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माहौल खराब करने से बेहतर आप और कांग्रेस बातचीत करें

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इन दिनों हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में इंडिया गठबंधन के बिखरने की बात कही जा रही है। इस बात को भाजपा नेता बड़ी जोरशोर से तो कह ही रहे हैं, इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेता भी कह रहे हैं। इस बात में कोई शक नहीं है कि जब इंडिया गठबंधन गठित किया गया था, तो उस दौरान लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ने की बात कही गई थी। विधानसभा चुनाव एक साथ लडेंÞगे या नहीं, इस पर कोई चर्चा ही नहीं हुई थी। इंडिया गठबंधन का मुख्य मकसद केंद्र की सत्ता में भाजपा को आने से रोकना था। यही वजह है कि इंडिया गठबंधन में जितने दल शामिल थे, उन्होंने आपसी तालमेल के साथ चुनाव लड़ा।

इस मामले में ममता बनर्जी की टीएमसी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का मामला थोड़ा अलग रहा। टीएमसी ने चुनाव अकेले लड़ा, लेकिन इंडिया गठबंधन में बनी रही। पश्चिम बंगाल में टीएमसी और कांग्रेस ने अलग-अलग चुनाव लड़ा, लेकिन एक दूसरे पर हमला नहीं किया। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस के साथ चार और तीन सीटों पर तालमेल करके चुनाव लड़ा, लेकिन पंजाब में वह अलग-अलग लड़े। यह कांग्रेस और आप का आपसी समझौता था। अब जब लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं, चुनाव परिणाम आ चुके हैं, ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन बना रहेगा, लेकिन विधानसभा चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने के लिए हर दल स्वतंत्र है।

हरियाणा में अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ने की बात कह रही हैं। हालांकि यह भी सही है कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद आप नेता अनुराग ढांडा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कुरुक्षेत्र से आप प्रत्याशी सुशील गुप्ता की हार के पीछे कांग्रेस नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था।

इसके कुछ समय बाद ही आप नेताओं के सुर नरम पड़ गए। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप पाठक का तो यहां तक कहना है कि कांग्रेस के साथ अभी गठबंधन नहीं टूटा है। गठबंधन से बाहर जाने का फैसला आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल करेंगे। हालांकि वे इस बात को भी स्वीकार करते हैं कि आप आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों की तैयारी करेगी। गठबंधन में रहना है या नहीं, इसका फैसला दोनों दलों के आला कमान को करना है। इन छुटभैये नेताओं के बयान का कोई मतलब नहीं है। इन नेताओं को चाहिए कि यदि हरियाणा विधानसभा में सफलता हासिल करनी है, तो बेकार की बयानबाजी करके माहौल खराब करने की जगह मिलजुलकर चुनाव लड़ें

-संजय मग्गू

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