स्थानीय कन्या महाविद्यालय चीका में पिछले दिनों एक प्राध्यापक द्वारा छात्राओं के मोबाइल पर पॉर्न लिंक भेजने का मामला संज्ञान में आया था जिसे लेकर मीडिया ने इस मुद्देको जोर दार तरीके से प्रकाशित किया था। लेकिन विभागकी ढुल मुल नीति के कारण अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। जिस पर संज्ञान लेते हुए समाजसेवी डॉक्टर चरण दास (Social worker Dr. Charan Das) बच्चियों को न्याय दिलवाने के लिए कल से कालेज के सामने अनिश्चितकाल धरने पर बैठ गए थे। धरने पर बैठने उपरांत कॉलेज प्रशासन हरकत में आया और आनन फानन में कॉलेज के प्रिंसिपल राम निवास यादव ने इस मामले को लेकर हायर एजुकेशन के डायरेक्टर राजीव रतन (Director Rajiv Ratan) से मुलाकात कर मार्गदर्शन लिया था।
हायर एजुकेशन के डायरेक्टर ने कालेज प्रिंसिपल को सख्त आदेश दिए थे। इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एक्सटेंशन लेक्चरर को रूल 18 के तहत उसके पद बर्खास्त कर तुरंत सूचना उनके पास भेजी जाए। आज सुबह मीडिया के सामने कॉलेज प्रिंसिपल ने उक्त प्रधान प्राध्यापक का बर्खास्त की लेटर दिखाकर मीडिया को आश्वस्त किया कि उक्त प्राध्यापक की सेवाएं समाप्त कर दी गई है इसके बाद प्रिंसिपल ने धरना रथ समाजसेवी डॉक्टर चरण दास (Social worker Dr. Charan Das) को जूस पिलाकर उनका धरना समाप्त करवा दिया।
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क्या कहना है डॉक्टर चरण दास का
इस सारे मामले पर जब धरनारत समाज सेवी डॉक्टर चरण दास (Social worker Dr. Charan Das)) से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि वह अपने हलके की बच्चियों को न्याय दिलवाने के लिए धरने पर बैठे थे ।क्योंकि कॉलेज प्रशासन लगातार पिछले तीन साल से इस प्राध्यापक को बचाने की कोशिश कर रहा था और कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था ।जबकि इस प्राध्यापक पर आज से 2 साल पहले भी इसी प्रकार के संगीन आरोप लगे थे ,लेकिन यहां के स्थानीय विधायक ईश्वर सिंह द्वारा मामले में हस्तक्षेप कर उस समय के प्रिंसिपल को डरा धमकाकर इस पूरे मामले को दबा दिया गया था। जिस कारण इस प्राध्यापक के हौसले बुलंद थे ओर आज तक उस पर कोई करवाई नहीं हुई थी ।
अब फिर इस प्राध्यापक ने बच्चियों के मोबाइल पर पॉर्न लिंक भेज कर भद्दी हरकत की थी, जिसे किसी सूरत में माफ नहीं किया जा जा सकता था। उन्होंने कहा कि जब मुझे लगा कि अब भी कॉलेज प्रशासन इस मामले मे कोई कार्रवाई नहीं कर रहा तो उन्हें मजबूरन बच्चियों को न्याय दिलवाने के लिए धरना देना पड़ा। जिसके बाद ही कॉलेज प्रशासन ने उक्त प्राध्यापक पर करवाई की। उन्होंने कहा कि आगे भी यदि कोई इस प्रकार की हरकत कहीं भी शिक्षा संस्थान में या समाज में होगी तो वह इस प्रकार का आंदोलन फिर करने से गुरेज नही करेंगे। इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज की कन्याओं के पैर छूकर उनका आशीर्वाद भी लिया, क्योंकि आज नवरात्रों का पहला दिन है और बच्चियों के आशीर्वाद से ही वह इस मामले पर जीत हासिल करने में कामयाब हुए हैं।
क्या कहना है कॉलेज की छात्राओं का
इस मामले में जब छात्राओं से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि हम कॉलेज प्रशासन की इस कार्रवाई का स्वागत करती हैं। ऐसे घटिया सोच के लोगों पर तुरंत करवाई होनी चाहिए ,ताकि शिक्षा के मंदिरों की पवित्रता बनी रहे और छात्राएं निर्भीक होकर अपनी पढ़ाई कर सके।
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