लोकसभा चुनाव का आज तीसरा चरण भी पूरा हो गया। अब तक 282 सीटों के लिए वोट डाले जा चुके हैं। हरियाणा में लोकसभा की दसों सीटों के लिए 25 मई को मतदान होगा। प्रदेश में उम्मीदवारों के नामांकन का काम पूरा हो गया है। अब नामांकन पत्रों की जांच और निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह बांटने का काम बचा है। राजनीतिक दलों ने तो नामांकन से बहुत पहले ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया था। भाजपा जहां दसों सीटों पर पिछला रिकार्ड कायम करने यानी दसों सीटों पर जीतने का दावा पेश कर रही है, वहीं कांग्रेस, इनेलो, जजपा आदि भी दसों सीटों पर जीतने का दावा करने से पीछे नहीं हैं। इस बार का चुनाव इस मायने में कुछ अलग है कि प्रदेश के किसानों ने भाजपा और जजपा के पक्ष में वोट न करने का फैसला किया है। उनका यह फैसला भाजपा और जजपा के लिए कितना नुकसान दायक साबित होता है, यह चार जून को ही परिणाम आने पर पता चलेगा।
पिछले कुछ दिनों से यह भी देखने में आ रहा है कि भाजपा और जजपा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के दौरान किसान संगठन के नेता और प्रतिनिधि आकर अपना रोष प्रकट करते हैं। दरअसल, इस साल फरवरी में किसान संगठनों ने एमएसपी कानून सहित कई मुद्दों पर दिल्ली जाकर विरोध प्रदर्शन करना का मनसूबा बनाया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने दिल्ली जाने वाले लगभग सभी बार्डरों पर सीमेंटेड दीवार और सड़कों पर कांटे बिछाकर दिल्ली कूच के नारे को विफल कर दिया था। इस बात की किसानों में नाराजगी है। कहा तो यह भी जा रहा है कि उन दिनों किसानों ने भाजपा सरकार के खिलाफ वोट न करने की शपथ खाई थी। अब भाजपा, जजपा को वोट देने या न देने के मुद्दे सहित कई मामलों को लेकर किसान संगठनों में फूट पड़ने की खबर आ रही है।
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भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने तो खुलेआम अभय सिंह चौटाला का समर्थन करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान अभय सिंह चौटाला ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसलिए उनका समर्थन करना चाहिए। वह बसपा को भी समर्थन देने के पक्ष में बातें कर रहे हैं। वहीं भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) का कहना है कि भाजपा और जजपा का विरोध करने के अलावा वे अपने समर्थकों को कोई निर्देश नहीं दे सकते हैं। टिकैत गुट का कहना सही है कि कोई भी किसी को यह निर्देश नहीं दे सकता है कि फलां को वोट दिया जाए, फलां को नहीं। चुनाव में मतदान करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। वह किसके पक्ष में मतदान करेगा, यह उसकी मर्जी है। किसी को भी चुनाव प्रचार करने से रोकना या किसी खास दल को वोट देने का निर्देश देना, गलत है।
-संजय मग्गू
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