‘कहते हैं पुलिस रस्सी का सांप बनाने में देर नहीं लगाती, लेकिन यह कहावत भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर ही सटीक बैठती है।’ लेकिन जिले में ऐसे पुलिस कर्मियों की भी कमी नहीं है, जो गरीब परिवारों की मदद के लिए स्वयं ही आगे आ जाते हैं। ऐसा ही बीके सिविल अस्पताल की मोर्चरी में देखने को मिला। जहां पाली पुलिस चौकी में तैनात एचसी प्रदीप और एसआई महावीर के अलावा एनएच तीन पुलिस चौकी से राजेश एक गरीब परिवार की तरफ मदद का हाथ बढ़ाते नजर आए। इन पुलिस कर्मियों ने इंसानियत का परिचय देते हुए एक मजदूर की बच्ची के अंतिम संस्कार से लेकर उसके परिजनों के तीन चार दिन के भोजन तक का इंतजाम अपनी तरफ से करवा दिया। इस नेक कार्य को करने वाले पुलिस कर्मियों को देश रोजाना की तरफ से सैल्यूट किया जाता है।
यह था पूरा मामला:
पुलिस कर्मचारी प्रदीप, राजेश और महावीर मिलकर कुछ आपस में कुछ रुपये इक्ट्ठे किये। यह रुपये उन्होंने बच्ची के शव को बीके अस्पताल की मोर्चरी से ले जा रहे एक एम्बुलेंस चालक तो देते हुए कहा कि इन पैसों से बच्ची के अंतिम संस्कार करवाने के बाद पीड़ित परिवार को घर छोड़ने के लिए कहा। साथ उन्होंने एम्बुलेंस चालक को शेष पैसों से मृतक बच्ची के परिजनों के लिए तीन चार दिन के भोजन की व्यवस्था भी करने के लिए कहा। इस विषय में जब पाली चौकी के एचसी प्रदीप से बातचीत करने का प्रयास करने पर पहले तो वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए। लेकिन जब उनसे एम्बुलेंस चालक को पैसे देने और भोजन का प्रबंध करने तक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पाली क्रेशर जोन में बुधवार को आठ वर्षीय बच्ची रूपा मिट्टी के ढेर के नीचे दब गई थी। जिससे उसकी मौत हो गई।
मजदूर अजय कापरी मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। वह रोज मेहनत मजदूरी करके बच्चों को पालता है। बच्ची लोहा बीनते हुए जिंदगी की जंग हार गई। अजय के पास पैसे नहीं थे। जिस पर उन्होंने बच्ची के अंतिम संस्कार का प्रबंध किया। मजूदर परिवार की पीढ़ा जाने के बाद पुलिसकर्मी राजेश और महावीर ने भी सहयोग किया। वहीं उन्होंने बताया किरस्मों के मुताबिक मृतक बच्ची का परिवार करीब तीन दिन तक अपने घर पर खाना नहीं बनाएगा। जिसे देखते हुए उन्होंने परिवार के लिए भोजन का प्रबंध किया है। ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो।