Parliament Session: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में कहा, ‘तीसरी बार मौका मिलना ऐतिहासिक है। सांसदों ने सदन की गरिमा बढ़ाई है।’ इस दौरान प्रधानमंत्री विपक्ष को जमकर घेरा। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान ही राज्यसभा से विपक्ष के सदस्यों ने वाकआउट कर दिया। विपक्ष के वाकआउट पर सभापति ने कहा कि विपक्ष सदन छोड़कर नहीं बल्कि मर्यादा छोड़कर गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश देख रहा है झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती है। सत्य से मुकाबला करना इसके लिए जिनके हौसले नहीं हैं, उनमें बैठकर के इतनी चर्चा के बाद अपने द्वारा ही उठाए हुए सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है। ये अपर हाउस को अपमानित कर रहे हैं। विपक्षी सांसद मैदान छोड़कर भाग गए।
Parliament Session: 1977 के चुनाव को याद दिलाया
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1977 का चुनाव, जब रेडियो-अखबार सब बंद थे। देश की जनता ने हमें जनादेश दिया था। देश जानता है कि संविधान की रक्षा कोई कर सकता है तो हमलोग ही कर सकते हैं। जब खड़गे जी ऐसा बोलते हैं तब पीड़ा होती है। संविधान पर जब बुल्डोजर चला दिया गया, करोड़ों लोगों को यातनाएं दी गईं और उनका जीना मुश्किल कर दिया गया था, क्या वो भूल गए। वह कौन सा संविधान था जिसको लेकर आपने सात साल लोकसभा चलाई और सत्ता की मौज लेते रहे, आप हमें संविधान सिखाते हो। दर्जनों आर्टिकल्स को, संविधान की आत्मा को छिन्न-विछिन्न करने का पाप इन लोगों ने किया था। आपके मुंह से संविधान की बात शोभा नहीं देती, आप पाप करके बैठे हुए लोग हो।
आपने मुझे भी एक मौका दियाः धनखड़
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि आपने मुझे भी एक मौका दिया है जो मुझसे पहले केवल एक चेयरमैन को मिला है. किसी प्रधानमंत्री के तीसरी बार प्रेसिडेंट एड्रेस पर जवाब सुनने का. मैंने भी इससे प्रेरणा लेते हुए यहां टेबल पर पुरुषों के लिए एक तिहाई आरक्षण कर दिया है.