जदयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का मुस्लिम और यादवों को लेकर दिए गए बयान का असर बिहार की राजनीति में बहुत दिनों तक रहने वाला है। यही वजह है कि जदयू के साथ-साथ भाजपा ने इस बयान से पल्ला झाड़ने में तनिक भी देर नहीं लगाई। 17 जून को सीतामढ़ी में होने वाले एक कार्यक्रम में देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि अब मैं यादवों और मुसलमानों का कोई काम नहीं करूंगा। इन्होंने मुझे वोट नहीं दिया है। यह लोग मेरे दरवाजे पर आते हैं, तो चाय पियें, मिठाई खाएं और चले जाएं। मैं इनका कोई काम करने वाला नहीं हूं। जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार के मुखिया नीतीश कुमार इस बयान का बिहार की राजनीति में क्या असर होगा, इससे भलीभांति परिचित हैं। यही वजह है कि जदयू नेता और बिहार सरकार में मंत्री विजय चौधरी ने तत्काल प्रतिक्रिया दी कि हम समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलते हैं, हमने कभी किस के साथ भेदभाव नहीं किया। उदाहरण आपके सामने है।
हमने नौकरी हर वर्ग और धर्म के लोगों के लिए दी है। यही हमारे गठबंधन की नीति है और यही हमारे नेता नीतीश कुमार की नीति है। विजय चौधरी का बयान आने के बाद ही भाजपा ने अपना रुख साफ किया। भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कहा, जातिगत पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर अपनी हताशा को व्यक्त करना राजनीति में शर्मनाक और निंदनीय है। भाजपा सभी सामाजिक वर्गों को साथ लेकर चलती है। बिहार में कोई भी राजनीतिक दल सफल नहीं हो सकता अगर वह यादवों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश करे, वो कुल आबादी का 14 प्रतिशत हैं। भाजपा नेता ने अपने बयान में यादवों का नाम तो लिया, लेकिन मुसलमानों का आंकड़ा बताने या उन्हें अपने साथ रखने की बात से परहेज किया। सांसद के बयान को लेकर आरजेडी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य नेताओं ने जदयू और भाजपा पर हमला बोल दिया है।
जो बिहार के राजनीतिक और जातीय समीकरण को समझते हैं, उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि यदि बिहार में किसी दल का यादव और मुस्लिम ने बहिष्कार कर दिया, तो वहां सरकार बनाना मुश्किल हो जाएगा। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव की पूरी राजनीति ही माई (एमवाई) यानी मुस्लिम और यादव पर ही निर्भर करती है। मुस्लिम और यादवों के बल पर ही लालू प्रसाद यादव ने कई बार सत्ता हासिल की है और बिहार पर राज्य किया है। प्रदेश के सभी दलों को इन समुदायों और वर्गों को अपने पक्ष में करने की लालसा रहती है। सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने यह कहकर एक बहुत बड़े वोटबैंक पर करारा प्रहार किया है। अगले साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधान सभा चुनाव में आरजेडी इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है। यही वजह है कि जदयू और भाजपा ने सांसद ठाकुर के बयान से असहमति जताने में देरी नहीं लगाई।
-संजय मग्गू