Tuesday, July 9, 2024
27.9 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiप्रदेश के नाराज सरपंचों को मनाने की तैयारी में सरकार

प्रदेश के नाराज सरपंचों को मनाने की तैयारी में सरकार

Google News
Google News

- Advertisement -

लोकसभा चुनावों में पांच सीटें गंवा चुकी भाजपा विधानसभा चुनावों में किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। यह वजह है कि भाजपा उन लोगों को मनाने में जुट गई है, जो उससे नाराज हैं। नाराज लोगों को मनाने के साथ-साथ भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय होने का निर्देश दिया है। तीसरी बार प्रदेश की सत्ता में आने का रोडमैप बनाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जगह-जगह बैठकें की जा रही हैं, हार के कारणों की समीक्षा हो रही है। लोकसभा चुनाव में हुई चूक का पता लगाया जा रहा है। मंथन पर मंथन का दौर जारी है। सौ दिनों में सरकार की नीतियों को प्रदेश के सभी बूथों तक पहुंचाने की तैयारी की जा रही है।

कुरुक्षेत्र में होने वाली चुनावी बैठक में प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी भाग ले सकते हैं। कहा जा रहा है कि इसी बैठक के बाद सरपंचों को दस लाख रुपये तक बिना ई टेंडरिंग के काम कराने का अधिकार दिया जा सकता है। अभी उन्हें पांच लाख रुपये खर्च करने का अधिकार है। इससे अधिक राशि वाले काम कराने के लिए ई टेंडरिंग का प्रावधान है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब सरपंचों के अधिकारों को सीमित कर दिया था, तब से सरपंच अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्थानीय निकायों में होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए ई टेंडरिंग का प्रावधान लागू किया था, लेकिन प्रदेश के सभी सरपंचों ने इसका विरोध किया था। उन्होंने अपना विरोध जताने के लिए कई बार आंदोलन किए।

मुख्यमंत्री और प्रशासन से कई दौर की वार्ताएं हुईं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। सरपंच अपनी मांग पर अड़े रहे। सरपंचों की नाराजगी उस समय और बढ़ गई जब सरकार द्वारा मंजूर किए गए ग्रांट की रकम खर्च न होने पर सरपंचों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई। इस मामले में सरपंचों का कहना है कि अधिकारियों की वजह से फंड लैप्स होते हैं। उन्हें दंडित करने की जगह सरपंचों को क्यों दंडित किया जाएगा। सरपंचों की नाराजगी तब और चरम पर पहुंच गई, जब ग्राम पंचायतों के कार्य सीमित कर दिए गए।

सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अब ग्राम पंचायतें केवल 19 प्रकार के ही काम करा पाएंगे। पंचायत समिति को सात और जिला परिषदों को 13 विकास कार्य कराने के लिए अधिकृत किया गया। सरपंचों की नाराजगी लोकसभा चुनावों के दौरान मतदान से व्यक्त हुई और भाजपा पांच सीटें हार गई। अब भाजपा सरकार सरपंचों के दस लाख तक काम कराने की सीमा बढ़ाने जा रही है। हालांकि सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष रणवीर समैण सरपंचों को काम कराने का अधिकार देने की मांग कर रहे हैं।

-संजय मग्गू

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

सिर्फ पौधरोपण से ही नहीं बनेगी बात, पौध रक्षा का भी लें संकल्प

इन दिनों पूरे देश में ‘एक पेड़ मां के नाम’अभियान की धूम मची हुई है। हर समाजसेवी, पर्यावरण प्रेमी, स्वयंसेवी संस्थाएं, भाजपा और उसके...

पलवल में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक: मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने DTP को किया निलंबित

पलवल: हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री डॉ. बनवारी लाल (Minister Dr. Banwari Lal) ने पलवल में ग्रीवेंस कमेटी (Grievance Committee) की मासिक बैठक की...

संत न छोड़े संतई, कोटिक मिले असंत

संत कबीरदास ने सैकड़ों साल पहले संत का चरित्र चित्रण करते हुए कहा था-संत न छोड़े संतई, कोटिक मिले असंत, मलय भुजंगहि बेधिया, शीतलता...

Recent Comments